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why Income tax notice sent even in a 15 year old case a glitch in the system or really guilty

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आयकर विभाग (Income tax Department) ने इन दिनों ने 15 साल पुराने मामलों में कर नोटिस कई टैक्सपेयर्स को भेजे हैं। इसमें उन्‍हें पुराने कर को चुकाने के लिए कहा गया है। कई टैक्सपेयर्स का कहना है कि पहले भुगतान किए जा चुके टैक्स के लिए भी दोबारा नोटिस भेजा गया है। उन्होंने विभाग के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है।

बताया जा रहा है कि आयकर विभाग ने यह नोटिस पिछले कुछ सप्ताह के दौरान भेजे हैं और एक सप्ताह के भीतर बकाए टैक्स को जमा करने को कहा है। इसमें से कुछ नोटिस एसेसमेंट ईयर 2003-04 और 2004-05 को लेकर भेजे गए हैं। इस संबंध में विभाग का कहना है कि ऐसा भी हो सकता है कि इन मामलों में टैक्सपेयर्स का रिफंड बकाया है, लेकिन उस आकलन वर्ष के दौरान कुछ कर भी बकाया हो। ऐसे में टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजे जा रहे हैं।

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टैक्सपेयर्स परेशान: टैक्सपेयर्स आयकर विभाग के इस नोटिस से परेशान हैं। उनका कहना है कि पुराने कर भुगतान का चालान खो चुका है। वहीं, कुछ ने बिना चालान के भुगतान का विकल्प चुना था। अब वे कैसे साबित करेंगे कि पहले ही कर दे चुके हैं। नोटिस प्राप्त करने वाले टैक्सपेयर्स के मुताबिक उनके पास कर कार्यालय के पास ऐसा कोई कर बकाया नहीं है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

वहीं, इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि यह गड़बड़ी आयकर विभाग के नए सिस्टम को लागू करने के दौरान हो सकती है। ज्यादातर मामलों में या तो भुगतान कर दिया गया है या आवश्यक सुधार कई साल पहले ही पारित किए जा चुके हैं, लेकिन विभाग के नए सिस्‍टम में ये प्रदर्शित नहीं हो रहे हैं। ऐसे में समस्या का समाधान निकालने जाने तक विभाग को ऐसे मामले स्थगित रखे जाने चाहिए।



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अभिषेक

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