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Cloud Computing क्या है? – In Hindi

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दोस्तों आपने Cloud Computing के बारे में तो सुना ही होगा| यह टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रही है और अब Companies और Businesses, Traditional Server – Client Infrastructure के बजाय Cloud Computing को अपना रहे हैं|

आज के लेख में हम जानेंगे की Cloud Computing in Hindi क्या है, यह कैसे काम करता है, और इसके कितने प्रकार और उपयोग हैं|

Cloud Computing इंटरनेट पर IT Resources की On-Demand Delivery है जिसमें Pay-as-you-go मूल्य निर्धारण होता है। Physical Data Centers और Servers को खरीदने, रखने और मेन्टेन करने के बजाय, आप Amazon Web Services (AWS), Google Cloud या Microsoft Azure जैसे Cloud Providers से अपनी आवश्यकता अनुसार पर Computing Power, Storage और Database जैसी Technical Services तक पहुंच सकते हैं।

Cloud Computing को समझिये – in Hindi

Cloud Computing एक ऐसा Computing System है जिसमे आपको किसी भी प्रकार की कंप्यूटिंग संबधित Resources जैसे की CPU Power, Storage Capacity, और विभिन्न Software on Demand ऑनलाइन ही उपलब्ध हो जाते हैं, आपको बस इसकी कीमत चुकानी है और इन्हें प्रयोग करना शुरू करना है|

इसे एक उदाहरण से समझते हैं| मान लीजिये की अभी आपके पास एक ऐसा Computer या Laptop है जिसमे बहुत Low Capacity Processor जैसे की Core i 3 है, जिसमे केवल 4 GB की RAM है और HDD Drive भी केवल 256 GB है|

लेकिन आपको अपने कार्यो को करने के लिए एक High Speed Computer की आवश्यकता है, जिसमे में कम से कम Core i 7 Processor हो, और 16 GB RAM हो और Storage Capacity भी 1 TB तक हो, अब आप क्या करेंगे?

आपके पास 2 Option हैं| यदि आप लम्बे समय के लिए अधिक Processing Power और Storage Capacity चाहते हैं तो आपको एक नया ज्यादा Powerful Computer या Laptop खरीदना होगा|

लेकिन यदि आपको इसकी आवश्यकता कुछ ही समय के लिए है तो आप कुछ समय के लिए एक Cloud Computing System पर विचार कर सकते हैं|

जिसमे आपको ये सभी सुविधाएं एक नए कंप्यूटर और लैपटॉप के मुकाबले बहुत ही कम कीमत में मिल जायेंगी|

यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है की Cloud Computing System को अकेले व्यक्तियों के लिए नहीं बल्कि Companies और Businesses के लिए बनाया गया है|

यदि आपकी खुद की कोई कम्पनी है तो इसके लिए सम्पूर्ण Computing System, Servers, Workstations और Data Centers के लिए खुद ही जगह बनाने, रखने और इन्हें मेन्टेन करने की चिंता से मुक्त होकर ये सारा कार्य Cloud Service Providers के हाथों में छोड़ देते हैं|

ऐसा करके आप कई प्रकार की बचत कर सकते हैं जैसे की इन सभी Data Centers, Servers और Workstations के Maintenance में लगे हुए कर्मचारियों की सैलरी, इस सभी वस्तुओ को रखने के लिए लिए गए रेंटेड प्लेस का रेंट, इलेक्ट्रिसिटी और सबसे ज्यादा इन सभी वस्तुओ को खरीदने में होने वाला खर्च|

अगर आपका बिज़नेस बस अभी शुरू ही हुआ है तो आपको ज्यादा रिसोर्सेज की आवश्यकता नहीं होगी और इसलिए आपको ज्यादा क्षमता वाले Servers और Data Centers की आवश्यकता नहीं होगी लेकिन यदि आप अभी Servers, और Data Centers के लिए खर्च करते हैं और भविष्य में इसे Scale करने का प्रयास करते हैं तो यकीन मानिए ये आसान नहीं होगा|

लेकिन Cloud के साथ आपको Scaling की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है| आप जब चाहें अपने सर्वर्स की संख्या, कंप्यूटिंग पॉवर, स्टोरेज आदि को बढ़ा सकते हैं और वो भी बस कुछ और पैसे खर्च करके|

Cloud Computing कैसे कार्य करता है? – in Hindi

Cloud Computing System में सभी Resources जैसे की Servers, और Data Storage एक साथ एक High Speed Internal Network के द्वारा जुड़े हुए होते हैं|

हर एक सर्वर अपने आप में कई Desktop Interface को एक साथ रन कर सकता है| इन डेस्कटॉप इंटरफ़ेस को Virtual Desktop कहा जाता है|

इन Virtual Desktop पर आप जो भी चाहें वो Software इनस्टॉल कर सकते हैं बिलकुल वैसे ही जैसे आप अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर करते हैं|

अब जब किसी यूजर को इन वर्चुअल डेस्कटॉप को एक्सेस करना होता है तो उसे अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर एक Virtual Desktop Client इनस्टॉल करना होता है| इसके अलावा आपको High Speed Internet Connection की आवश्यकता है|

अब आप अपने Cloud Service Provider की तरफ से दिए गए User ID और Password का प्रयोग करके अपने Cloud Computing System को Access कर सकते हैं|

Virtual Desktop को Access करने के लिए आपको किसी विशेष क्षमता वाले कंप्यूटर या लैपटॉप की आवश्यकता नहीं है| आप किसी भी आम कंप्यूटर या लैपटॉप जिसपर इन्टरनेट कनेक्ट करने की सुविधा हो का प्रयोग करके वर्चुअल डेस्कटॉप से कनेक्ट हो सकते हैं|

आप जिस कंप्यूटर या लैपटॉप का प्रयोग वर्चुअल डेस्कटॉप को कनेक्ट करने के लिए करते हैं उसे थिन क्लाइंट (Thin Client) भी कहा जाता है|

Cloud Computing System पर आप अपने Virtual Desktop का Configuration स्वयं ही चुन सकते हैं और अपनी आवश्यकता अनुसार Software Application भी, इसके बाद आप अपना आर्डर प्लेस कर सकते हैं|

निर्धारित मूल्य का भुगतान करने के बाद आपको सभी डिटेल्स मेल पर भेज दिए जाते हैं| जैसे की URL और Log-in Credentials

एक Cloud Based Virtual Desktop की खासियत यह है की आप जब चाहे इसकी Capacity को Upgrade कर सकते है| आपको बस अपने Cloud Service Provider को अपनी आवश्यकता बतानी होगी और इसके लिए आवश्यक मूल्य चुकाना होगा|

आप जब भी चाहें अपने वर्चुअल डेस्कटॉप की Processing Power, RAM, या Storage Capacity को बढ़ा सकते हैं| और इसके लिए आपको किसी कंप्यूटर रिपेयर शॉप पर जाने की आवश्यकता नहीं है और ना ही इसमें ज्यादा समय लगता है|

Cloud Computing के प्रकार – in Hindi

सभी Cloud एक जैसे नहीं होते हैं और एक प्रकार की Cloud Computing सभी के लिए सही नहीं होती है। आपकी आवश्यकताओं के लिए सही समाधान प्रदान करने में सहायता के लिए कई अलग-अलग मॉडल, प्रकार और सेवाएं विकसित हुई हैं।

सबसे पहले, आपको Cloud Deployment या Cloud Computing Architecture के प्रकार को निर्धारित करने की आवश्यकता है, जिस पर आपकी Cloud Services लागू की जाएंगी। Cloud Services को Deploy करने के तीन अलग-अलग तरीके हैं: Public Cloud, Private Cloud या Hybrid Cloud पर।

पब्लिक क्लाउड | Public Cloud

Public Cloud को Third Party Cloud Services Providers के द्वारा संचालित किया जाता है, जो Internet पर Server और Storage जैसे अपने Computing Resources प्रदान करते हैं। Microsoft Azure और Amazon Web Services (AWS) Public Cloud का एक उदाहरण है।

Public Cloud के साथ, सभी Hardware, Software और अन्य Supporting Infrastructure की Ownership और Management क्लाउड प्रोवाइडर के पास होता है।

आप इन Services तक पहुँच प्राप्त करते हैं और Web Browser का उपयोग करके अपने Cloud Account को मैनेज करते हैं।

प्राइवेट क्लाउड | Private Cloud

एक Private Cloud ऐसे Computing Resources को संदर्भित करता है जो विशेष रूप से एक Business या Organization द्वारा उपयोग किए जाते हैं। एक Private Cloud Company के On-Site Datacenter पर Physical रूप से स्थित हो सकता है।

कुछ Companies अपने Private Cloud को Host करने के लिए Third Party Service Providers को भी भुगतान करती हैं। एक Private Cloud वह है जिसमें एक Private Network पर Services और Infrastructure को बनाए रखा जाता है|

हाइब्रिड क्लाउड | Hybrid Cloud

Hybrid Cloud, Public और Private Cloud को जोड़ते हैं, जो Technology द्वारा एक साथ बंधे होते हैं जो Data और Software Application को उनके बीच Share करने की अनुमति देता है।

Private और Public Cloud के बीच Data और Application को Transfer करने की अनुमति देकर, एक Hybrid Cloud आपके बिज़नेस को अधिक Flexibility, अधिक Deployment Option देता है और आपके मौजूदा Infrastructure, Security और Compliance को Optimize करने में मदद करता है।

Cloud Services के प्रकार – in Hindi

अधिकांश Cloud Computing Services चार व्यापक श्रेणियों में आती हैं: इंफ्रास्ट्रक्चर एज ए सर्विस (Infrastructure as a Service – IaaS), प्लेटफार्म एज ए सर्विस (Platform as a Service – PaaS), सर्वरलेस (Serverless) और सॉफ्टवेयर एज ए सर्विस (Software as a Service – SaaS)।

इन्हें कभी-कभी Cloud Computing Stack कहा जाता है क्योंकि ये एक दूसरे के ऊपर बनते हैं। अपने व्यावसायिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए यह जानना आवश्यक है कि वे क्या हैं और वे कैसे भिन्न हैं।

इंफ्रास्ट्रक्चर एज ए सर्विस | Infrastructure as a Service – IaaS

यह Cloud Computing Services की सबसे बेसिक केटेगरी है। IaaS के साथ, आप Cloud Provider से IT Infrastructure जैसे की Servers और Virtual Machines (VMs), Storage, Network, Operating System आदि को Pay-as-you-go आधार पर Rent पर लेते हैं।

उदाहरण | Example : Amazon Web Services (AWS), Microsoft Azure, Google Compute Engine (GCE), IBM Cloud, Digital Ocean, Rackspace, Oracle Cloud

प्लेटफार्म एज ए सर्विस | Platform as a Service – PaaS

Platform as a Service एक ऐसी Cloud Computing Service है जो Software Application के Development, Testing, Distribution और Management के लिए On-Demand Environment प्रदान करता है।

PaaS को इस प्रकार डिजाईन किया जाता है की Software Developer या Programmer किसी भी प्रकार के Infrastructure जैसे की Server, Computing Power, Storage और Network की चिंता किये बगैर High Speed से अपने Development के कार्य को आगे बढ़ा सके।

उदाहरण | Example : AWS Elastic Beanstalk, Windows Azure, Heroku, Force.com, Google App Engine, OpenShift, SAP Cloud, AWS Lambda, Azure Functions.

सर्वरलेस कंप्यूटिंग | Serverless Computing

Serverless Computing एक ऐसी Cloud Computing Service है जिसमे Cloud Service Provider यूजर को एक ऐसा Development Environment प्रदान करते हैं जिसमे User Infrastructure की चिंता किये बिना Coding कर सकता है और Software को Deploy कर सकता है|

Serverless Provider यूजर से प्रयोग किये गए Computing Resources के आधार पर शुल्क लेता है| User को Servers की संख्या, या Fixed Bandwidth के आधार पर चार्ज नहीं किया जाता है|

इस Architecture की सबसे बड़ी खासियत यह है की डिमांड के आधार पर यह आटोमेटिक रूप से Computing Power और अन्य Resources की क्षमता को बढ़ा सकता है|

यहाँ ध्यान देने वाली बात यह की Serverless नाम होने के बाद भी इसमें Physical Server प्रयोग किये जाते हैं लेकिन उनके बारे में यूजर को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है|

उदाहरण | Example : AWS Lambda, Microsoft Azure Functions, Google Cloud Functions and IBM OpenWhisk

सॉफ्टवेयर एज ए सर्विस | Software as a Service – SaaS

Software as a Service, इंटरनेट पर On-Demand और आम तौर पर Subscription Basis पर Software Application को Distribute करने की एक विधि है।

SaaS के साथ, क्लाउड प्रोवाइडर Software Application और अंतर्निहित Infrastructure को Host और Manage करते हैं और Software Upgrade, Renewal और Security Patching जैसे किसी भी Maintenance को संभालते हैं।

यूजर इंटरनेट का प्रयोग करके किसी भी Smart Device जैसे की Smartphone, Tablet, और Laptop आदि पर इन Cloud Based Software का प्रयोग कर सकते हैं|

उदाहरण | Example : Microsoft Office 365, Salesforce, SAP concur, Shopify, MailChimp, Dropbox, Hubspot, Google Applications (G Suite)

क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रयोग | Uses of Cloud Computing

वैसे तो हम आये दिन ही किसी न किसी क्लाउड सर्विस का प्रयोग करते ही हैं लेकिन हममे से ज्यदातर लोग ये नहीं जानते की ये क्लाउड बेस्ड सर्विसेज हैं|

उदाहरण के लिए Outlook Web Mail, Gmail, Google Docs और Office 365, आप में ज्यादातर लोग इन सर्विसेज का प्रयोग करते हैं और ये सभी Cloud Based Services हैं|

जैसा की ऊपर हमने Cloud Based Services के प्रकार के बारे में जाना आइये अब देखते हैं की Cloud Computing के और क्या प्रयोग हो सकते हैं|

वैसे तो Cloud Computing एक बहुत ही विस्तृत क्षेत्र हैं लेकिन यहाँ हम Cloud Computing के कुछ बहुत ही सामान्य और प्रचलित प्रयोगों के बारे में जानेंगे|

फाइल स्टोरेज | File Storage

वैसे तो अपनी फाइल्स को स्टोर करने के लिए आप अपनी Hard Disk Drive, USB Drive, या External Hard Drive का प्रयोग कर सकते हैं|

लेकिन इनके खो जाने का ख़राब हो जाने का या अन्य किसी कारन से डाटा करप्ट या डिलीट हो जाने का खतरा हमेशा ही बना रहता है|

ऐसे में यदि आप चाहें तो अपने डाटा को किसी क्लाउड स्टोरेज पर ट्रान्सफर कर सकते हैं| गूगल, अमेज़न और माइक्रोसॉफ्ट जैसे क्लाउड स्टोरेज प्रोवाइडर आपके डाटा की सिक्यूरिटी की पूरी गारंटी देते हैं|

इसके साथ इनमे से कई Cloud Storage Providers आपको कुछ GB का स्टोरेज बिलकुल फ्री में देते हैं, लेकिन यदि आपको इससे ज्यादा स्टोरेज की आवश्यकता है तो आप इसके लिये आवश्यक Subscription Charge देकर इसका लाभ उठा सकते हैं| उदाहरण के लिए Google की Cloud Storage Service जिसे गूगल ड्राइव (Google-Drive) कहा जाता है|

बिग डाटा एनालिटिक्स | Big Data Analytics

किसी भी बिज़नेस के लिए Data Analytics बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि इसके आधार पर ही बिज़नेस के ग्रोथ की दिशा तय की जाती है और इसके साथ इससे कई महत्वपूर्ण सूचनाएं जैसे की उपभोक्ताओं के रुझान, उनकी पसंद नापसंद, और किसी प्रोडक्ट के बारे पॉजिटिव और नेगेटिव फीडबैक का परसेंटेज प्राप्त होती है| इस डाटा के आधार पर बिज़नेस से सम्बंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं|

लेकिन लाखो करोडो उपभोक्ताओं से प्राप्त डाटा के बड़े ढेर को प्रोसेस करना आसान नहीं है, इसके लिए बहुत सारे Computing Resource, Data Storage, Network Bandwidth की आवश्यकता होती है|

जिसके लिए एक जबरदस्त IT Infrastructure का होना आवश्यक है| लेकिन कई बार यह रिसोर्सेज भी कम पड़ जाते हैं और Data Process करने में बहुत अधिक समय लग जाता है| यदि समय पर सही सूचना प्राप्त न हो तो वो बिज़नेस के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है|

इसी कारण आज कल सभी छोटे बड़े बिज़नेस अपने Data Processing और Big Data Analytics के लिए Cloud Based Data Analytics Services की और उन्मुख हो रहे हैं|

क्योंकि Cloud Based Data Analytics में आप केवल उन्ही Resources के लिए Fee देते हैं जिनका आपने उपयोग किया हो और जितने समय तक उपयोग किया हो इसलिए आपका कार्य हमेशा ही बहुत कम लागत में हो जाता है और वो भी बहुत ही तेजी के साथ|

डाटा बैकअप और आर्काइविंग | Data Backup and Archiving

मान लीजिये की आप एक बिज़नेस ओनर हैं लेकिन एक दिन आपके Server पर Cyber Attack होता है और Hacker आपके सारे डाटा को अपने कब्जे में ले लेते हैं, तब आप क्या करेंगे?

ज़ाहिर है की आपको हैकर की मांग माननी ही होगी और उनकी मांगो पूर्ण करने के बाद भी यह गारंटी नहीं है की आपका बहुमूल्य डाटा सही सलामत आपको वापस मिल जाएगा|

क्या आप ऐसा जोखिम लेना चाहेंगे? नहीं बिलकुल नहीं और इसीलिए बिज़नेस ओनर्स और कंपनियां अपने डाटा का हमेशा बैकअप बनती रहती है जिससे की किसी भी दुर्घटना के बाद भी भी Data Loss न हो|

यहाँ समस्या यह है की डाटा निरंतर ही बढ़ता रहता है और इसके लिए पर्याप्त स्टोरेज न होने पर स्टोरेज को एक्सपैंड करना पड़ता है| इसके बाद भी डाटा की सुरक्षा की सम्पूर्ण गारंटी नहीं है क्योंकि कभी कभी आपकी अपनी गलती या आपके किसी कर्मचारी की गलती से भी डाटा डिलीट हो सकता है या करप्ट हो सकता है|

ऐसी स्थिति में आप Cloud Based Backup and Archiving सुविधा का प्रयोग कर सकते है| यहाँ आप को एक साथ स्टोरेज लेने की आवश्यकता नहीं है आप थोड़े से शुरुआत कर सकते हैं और जैसे जैसे आपका डाटा बढ़ता जाता है आप बिना किसी समस्या के स्टोरेज को एक्सपैंड कर सकते हैं|

आपको बस कुछ अतिरिक्त कीमत देनी होगी| लेकिन इसके साथ ही आपको अपने डाटा की सुरक्षा की सम्पूर्ण गारंटी मिलती है जो की चिंता मुक्त होने का एक आसान विकल्प है|

Cloud Based Data की सबसे बड़ी खासियत यह है की आप कहीं से भी इसे एक्सेस कर सकते हैं| आप Automatic Backup शेड्यूल कर सकते हैं| इसके अलावा आपका डाटा पूरी तरह से Encrypt रहता है इसी कारन कोई भी हैकर इसे एक्सेस नहीं कर सकता है|

डिजास्टर रिकवरी | Disaster Recovery

Flipkart जैसी एक बड़ी E-Commerce Site अगर केवल एक दिन के लिए ही बंद हो जाए तो क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं की इससे कम्पनी को कितना नुकसान होगा?

संभवतः करोडो का क्योंकि इसे प्रति दिन करोडो लोगो द्वारा देखा जाता है और लाखो लोग इससे खरीदारी करते हैं| लेकिन ऐसा कभी होता नहीं, आपको क्या लगता है क्या Flipkart के Servers को Maintenance की आवश्यकता नहीं होती या कभी इसपर Cyber Attack नहीं होते?

होते हैं लेकिन फिर भी Flipkart, Amazon और इनके जैसी तमाम E-Commerce Platform, Facebook, YouTube जैसे Social Media Platform कभी बंद नहीं होते क्योंकि इन सभी ने ही Disaster Recovery Strategies के तहत अपनी साईट की कई Copies बना कर रखी है|

जब भी किसी एक साईट पर लोड ज्यादा होता है तो इस Load को दूसरी Copy पर Transfer कर दिया जाता है| साईट के Maintenance Mode में जाने की स्थिति में भी यह Load किसी एक Copy पर ट्रान्सफर हो जाता है| इस प्रकार यूजर को एक बेहतरीन और तेज अनुभव मिलता है|

इसे संभव करने के लिए ये सभी कंपनियाँ Cloud Based Disaster Recovery Solution का प्रयोग करती हैं| Cloud Computing के साथ, आप क्लाउड में डिजास्टर रिकवरी सॉल्यूशन बना सकते हैं।

इस मॉडल में आप अपनी Production Site की Replica बनाते हैं और लगातार Data और Configuration Settings को Replicate करते रहते हैं।

आपके Production Site पर आपदा की स्थिति में, Cloud में अपने Application और Data Services को लॉन्च करना और अपने व्यवसाय को कुछ ही समय में वापस चालू करना तेज़ और अपेक्षाकृत सरल है।

इंफ्रास्ट्रक्चर एज ए सर्विस और प्लेटफार्म एज ए सर्विस | Infrastructure as a service (IaaS) and Platform as a service (PaaS)

अपनी Virtual Machines को Host करने के लिए Physical Server और Virtualization Infrastructure को चलाने के लिए IT Infrastructure को प्राप्त करने और प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता होती है।

इस पर लागत बचाने के लिए, सभी प्रकार के बिज़नेस Cloud Computing की ओर उन्मुख हो रहे हैं, जिसकी Pay-Per-Use मूल्य निर्धारण योजना गुणवत्ता और सामर्थ्य का सही मिश्रण बनाती है।

Infrastructure as a Service – IaaS के साथ, आप अपने वर्चुअल सर्वर को चलाने वाले सभी हार्डवेयर के साथ-साथ अपनी VMware लाइसेंसिंग लागत को अलविदा कह सकते हैं।

ऐसा इसलिए है क्योंकि IaaS के साथ आप किसी भी अंतर्निहित Hardware या Hosting Software को प्रबंधित किए बिना, केवल Virtual Machines को Deploy कर सकते हैं, जिसे क्लाउड में “Instance” कहा जाता है|

लेकिन क्या होगा यदि आप Instance और उनके Operating System Software का Management भी नहीं करना चाहते हैं? यह वह जगह है जहां प्लेटफार्म एज ए सर्विस (Platform as a Service – PaaS) काम आता है।

PaaS Computing Model का उपयोग करते समय आप बस अपना कोड क्लाउड सर्विस पर अपलोड करते हैं और क्लाउड में अपना एप्लिकेशन लॉन्च करने और प्रबंधित करने के लिए हर चीज का ध्यान रखा जाता है।

कम्युनिकेशन | Communication

Cloud Computing लोगों को Calander और Email जैसे Cloud Based Communication Tools तक पहुंचने की अनुमति देता है। इसके अलावा, WhatsApp और Skype जैसे Messaging और Calling App सभी Cloud Infrastructure पर बनाए गए हैं।

आपके द्वारा भेजे और प्राप्त किए गए मैसेज और फ़ाइलें Cloud Service द्वारा प्रदान की गयी Cloud Storage में संग्रहीत की जाती हैं, न कि केवल आपके डिवाइस पर।

यह आपके लिए इंटरनेट के माध्यम से किसी भी डिवाइस और दुनिया के किसी भी हिस्से से उन्हें एक्सेस करना संभव बनाता है।

मेरे विचार

दोस्तों Cloud Computing एक ऐसी सर्विस है जिसके लिए भविष्य में अपार संभावनाएं हैं| यह बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है और सभी प्रकार के बिज़नेस किसी न किसी रूप में इसके द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं|

नए बिज़नेस तो शुरू से ही Cloud Computing को एक आधार बना कर शुरू किये जा रहे हैं| क्लाउड कंप्यूटिंग की सर्विसेज को प्रयोग करना इतना आसन और कास्ट इफेक्टिव है की सभी इसकी ओर अग्रसर हो रहे हैं| Software Development, Testing, Storage और Communication के लिए क्लाउड एक आदर्श माध्यम बनता जा रहा है|

इसके अलावा Coud Computing ने आईटी सेक्टर में नए रोजगार की असीम संभावनाएं पैदा की हैं और नए आईटी प्रोफेशनल तेजी से इस टेक्नोलॉजी में अनुभव प्राप्त करके अपनी प्रोफाइल को और पावरफुल बना रहे हैं|

यदि आप एक आईटी प्रोफेशनल हैं तो आप क्लाउड कंप्यूटिंग के विभिन्न कोर्सेज का सर्टिफिकेशन प्रोग्राम का हिस्सा बन सकते हैं| आज कल अमेज़न की AWS और Microsoft Azure के Cloud Certificaton की आईटी क्षेत्र में बहुत डिमांड है|

दोस्तों यह लेख आपको कैसा लगा इस बारे में हमें कमेन्ट के माध्यम से अवश्य अवगत कराएं| हम भविष्य में भी ऐसे लेख के द्वारा आपका ज्ञानवर्धन करते रहे इसी कामना के साथ विदा लेता हूँ|

धन्यवाद!

अभिषेक

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