Skip to content

Blockchain Technology क्या है? – In Hindi

blockchain-technology-kya-hai-blockchain-in-hindi

दोस्तों इस लेख का विषय है Blockchain Technology in Hindi आज हम Blockchain Technology के बारे में हिंदी भाषा में जानेंगे| इस लेख की विषयवस्तु इस प्रकार है|

  • ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी क्या है? | What is Blockchain Technology?
  • डिस्ट्रिब्यूटेड लेज़र टेक्नोलॉजी (DLT) क्या है? | What is Distributed Ledger Technology (DLT)?
  • ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है? | How Blockchain Technology Works?
  • ब्लॉकचैन के प्रकार क्या हैं? | What are the Types of Blockchain?
  • क्रिप्टोकरेन्सी और ब्लॉकचैन में क्या अंतर है? | What is Difference Between Cryptocurrency and Blockchain?
  • ब्लॉकचैन और ट्रेडिशनल बैंक में क्या अंतर है? What is Difference Between Blockchain and Traditional Banks?
  • ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के उपयोग क्या हैं? | What are the Uses of Blockchain Technology?
  • ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के फायदे और नुक्सान? | Pros and Cons of Blockchain Technology?
  • क्या ब्लॉकचैन को हैक किया जा सकता है? | Is it Possible to Hack Blockchain?

दोस्तों, ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं की Blockchain Technology क्या है? अगर नहीं तो आज इस पोस्ट के माध्यम से मैं आपको Blockchain Technology के बारे में जानकारी देना चाहूंगा| 

Cryptocurrency की पॉपुलैरिटी बढ़ने के साथ – साथ Blockchain Technology के बारे में भी लोगो की उत्सुकता बढ़ती ही जा रही है| Cryptocurrency में लोगो की बढ़ती उत्सुकता और बढ़ते निवेश के कारण हमें यह जानना आवश्यक हो जाता है की क्रिप्टोकरेन्सी कैसे काम करती है?

जैसा की हम सभी जानते हैं की सभी क्रिप्टोकरेन्सी Blockchain Technology पर आधारित हैं और अब भारत देश में भी क्रिप्टोकरेन्सी में निवेश दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है| और इसी कारण Blockchain Technology को समझना अनिवार्य हो जाता है| 

Table of Contents

Blockchain Technology क्या है? – In Hindi

एक Blockchain एक Distributed Database है जो की Computer Network के Nodes के बीच फैला हुआ होता है। Distributed का मतलब ये है की डाटा एक केंद्रीय स्थान (Central Location) पर न होकर कंप्यूटर नेटवर्क के सभी नोड्स के बीच शेयर्ड होता है| 

ब्लॉकचैन एक डेटाबेस की तरह, Digital Format में इलेक्ट्रॉनिक रूप से इनफार्मेशन स्टोर कर सकता है। ब्लॉकचैन में डाटा एक विशेष डिजिटल फॉर्मेट जिसे Blocks कहा जाता है में स्टोर किये जाते हैं, डाटा को ब्लॉक्स में स्टोर किये जाने के बाद Hashing Algorithm का प्रयोग करके इस ब्लॉक का Digital Signature बनाया जाता है जिसे ब्लॉक के अंत में जोड़ा जाता है|

यह Digital Signature हर एक Block के लिए Unique होता है और यदि ब्लॉक के डाटा में कुछ भी परिवर्तन किया जाता है तो ये डिजिटल सिग्नेचर बदल जाता है|

एक ब्लॉक में एक या अधिक Records हो सकते हैं इसके अलावा इन ब्लॉक्स में अपने से पिछले ब्लॉक का डिजिटल सिग्नेचर भी डाटा के साथ स्टोर किया जाता है|

अब सम्पूर्ण डाटा यानि रिकार्ड्स और डिजिटल सिग्नेचर को मिला के फिर से डिजिटल सिग्नेचर बनाया जाता है और इसे ब्लॉक के अंत में जोड़ दिया जाता है| फिर से अगले ब्लॉक में पिछले ब्लॉक का सिग्नेचर डाटा के साथ स्टोर कर दिया जाता है| 

blockchain-explained-hindi-blockchain-in-hindi

इस प्रकार ये ब्लॉक एक दुसरे से जुड़ते चले जाते हैं और एक चैन का निर्माण करते हैं इसलिए इसे ब्लॉकचैन कहा जाता है| 

एक Blockchain Platform बनाने के लिए कुछ नियम बनाये जाते हैं जैसे की एक ब्लॉक की साइज, इसमें स्टोर होने वाले डाटा का प्रकार (Integer, String, Boolean, Float, etc.), Blockchain Protocol, Hashing Algorithm आदि,

इसके अलावा एक Blockchain Platform को दूसरे से अलग करने के लिए Cryptographic Hashing में कुछ और डाटा शुरआत या अंत में जोड़ा जाता है जो की सभी ब्लॉक्स के लिए समान होता है और इसी से Blockchain Network की पहचान होती है| 

अब क्योकि ब्लॉक्स का साइज पहले से ही निर्धारित होता है इसलिए इसमें कुछ डाटा स्टोर करने के बाद ये भर जाता है और डिजिटल सिग्नेचर जोड़ने के बाद यह ब्लॉक बंद हो जाता है| इसके बाद जो भी नया डाटा आता है उसे अगले ब्लॉक में स्टोर किया जाता है| जब ब्लॉक को पिछले ब्लॉक से लिंक किया जाता है तब उसी समय का टाइमस्टाम्प भी इसके साथ जोड़ दिया जाता है|

DISTRIBUTED LEDGER TECHNOLOGY (DLT) क्या है? – In Hindi

Distributed Ledger एक ऐसा डेटाबेस है जो केंद्रीय रूप से कहीं स्टोर नहीं होता है| यह एक विकेन्द्रीकृत व्यवस्था (Decentralized System) द्वारा मैनेज किया जाता है जो की विभिन्न Protocol, Algorithm, और दुनिया भर में फैले कम्प्यूटर्स के एक विशाल नेटवर्क से मिलकर बना होता है| इस नेटवर्क के प्रत्येक कंप्यूटर को एक नोड कहा जाता है|

ये नोड कोई आम कंप्यूटर नहीं होते बल्कि ये बहुत हाई स्पीड प्रोसेसिंग और मेमोरी क्षमता वाले कंप्यूटर होते हैं| जो भी व्यक्ति इन नोड्स को एक्सेस करता हैं उसे माइनर(Miner) कहा जाता है|

यहाँ तक की ये नोड भी अपने आप में एक नेटवर्क हो सकते हैं जिनकी कुल कंप्यूटिंग कैपेसिटी को ब्लॉकचैन के ब्लॉक्स को सॉल्व करने में प्रयोग किया जाता है|

हर एक नोड पर इस डेटाबेस की एक कॉपी उपलब्ध होती है और जब इस डेटाबेस के डाटा में कोई परिवर्तन होता है जैसे की एक नया रिकॉर्ड ऐड करने पर यह रिकॉर्ड अपने आप सम्पूर्ण नेटवर्क पर कॉपी हो जाता है लेकिन यह एक ब्लॉक में तभी जोड़ा जाता है जब 51% या ज्यादा नोड्स इस डाटा को वेरीफाई कर देते हैं| वेरिफिकेशन के इस प्रोसेस के बाद इस परिवर्तन को सभी नोड्स तक अपडेट कर दिया जाता है| 

एक सेंट्रलाइज्ड डेटाबेस के विपरीत डिस्ट्रिब्यूटेड लेज़र एक चैन के रूप में नेटवर्क के विशाल जाल में फैला हुआ होता है और यदि कोई इसमें अनाधिकृत रूप से परिवर्तन करना चाहे तो उसे सभी ब्लॉक में परिवर्तन करना होगा क्योकि हैशिंग के नियमनुसार जब भी डाटा में बदलाव होता है तब उसका हैश (डिजिटल सिग्नेचर) भी बदल जाता है| 

यह डिजिटल सिग्नेचर डाटा के रूप में अगले ब्लॉक में स्टोर रहता है इसलिए जिस ब्लॉक में परिवर्तन किया गया है वो इनवैलिड हो जाता है| यदि इसे वैलिड बनाना है तो सभी के सभी ब्लॉक्स में डिजिटल सिग्नेचर यानी हैश को बदलना पड़ेगा इसी कारण ये अपरिवर्तनीय (Immutable) हैं| क्योकि सभी ब्लॉक्स के डिजिटल सिग्नेचर को बदलना लगभग असंभव है|

इस सम्पूर्ण सिस्टम को ही डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (Distributed Ledger Technology – DLT) कहा जाता है| ब्लॉकचैन वस्तुतः डिस्ट्रिब्यूटेड लेज़र टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जिसमे ट्रांज़ैक्शन के रिकार्ड्स को एक विकेन्द्रित व्यवस्था द्वारा स्टोर किया जाता है|

नीचे दी गयी इमेज में हम एक डिस्ट्रिब्यूटेड लेज़र को देख सकते हैं जिनमे 3 ब्लॉक्स में डाटा स्टोर किया गया है| 

blockchain-explained-hindi-blockchain-in-hindi

अब यदि किसी ब्लॉक के डाटा में बदलाव किया जाता है तो इसका डिजिटल सिग्नेचर भी बदल जाता है| और इस सिग्नेचर को अगले ब्लॉक में भी स्टोर करना होगा जिसके कारण अगले ब्लॉक का भी डिजिटल सिग्नेचर बदल जाएगा और इसी प्रकार सभी ब्लॉक्स का सिग्नेचर बदलना पड़ेगा जो की लगभग असंभव है|

जैसे जैसे ब्लॉक्स की संख्या बढ़ती जाती है वैसे वैसे इसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन करना और भी कठिन होता जाता है| ऐसा इसलिए है क्योकि सभी ब्लॉक्स के सिग्नेचर को बदलने के लिए जो कंप्यूटिंग पावर चाहिये वो किसी सुपरकम्प्युटर के लिए भी बहुत ही टाइम टेकिंग प्रोसेस है और इतनी देर में ये पता लग ही जाएगा की किसी ब्लॉक में बदलाव किया गया है|

यदि किसी प्रकार एक नोड के ब्लॉक्स में भी डिजिटल सिग्नेचर बदलने में चूक हुयी तो उस अकेले उस नोड से पूरा डाटा रिकवर किया जा सकता है इसीलिए यह एक बहुत ही सिक्योर सिस्टम बन जाता है|

understand-blockchain-in-hindi

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है?

how-blockchain-technology-works-hindi-blockchain-technology-kaise-kaam-karti-hai-hindi

दोस्तों, अभी तक आपने Blockchain Technology और डिस्ट्रिब्यूटेड लेज़र टेक्नोलॉजी (Distributed Ledger Technology – DLT) के बारे में जाना| आइये अब समझते हैं की ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) कैसे काम करती है| 

Blockchain Technology को समझने के लिए हमें Blockchain Platform पर होने वाले ट्रांज़ैक्शन के प्रोसेस को समझना होगा जिसके निम्न स्टेप्स हैं| 

  • स्टेप 1 : ट्रांज़ैक्शन रिकॉर्ड करना | Recording a Transaction
  • स्टेप 2 : एक ब्लॉक बनाना | Creating a Block
  • स्टेप 3 : ब्लॉक वैलिडेट करना | Validating a Block
  • स्टेप 4 : ब्लॉक की हैशिंग | Hashing a Block
  • स्टेप 5 : ब्लॉक को जोड़ना | Chaining a Block

ट्रांज़ैक्शन रिकॉर्ड करना

Blockchain Technology केवल क्रिप्टोकरेन्सी तक ही सीमित नहीं बल्कि इसके अन्य बहुत से उपयोग हैं जिनके बारे में हम आगे जानेंगे| Transaction Recording को समझने के लिए हम बिटकॉइन ट्रांज़ैक्शन के उदाहरण को लेते हैं| 

जब भी कोई व्यक्ति किसी Crypto Exchange के द्वारा एक बिटकॉइन खरीदता है तो इसके Transaction को एक New File में Record किया जाता है|

एक ही फाइल में एक साथ कई ट्रांज़ैक्शन रिकॉर्ड हो सकते हैं, जब एक फाइल पूरी तरह भर जाता है तब अगले ट्रांज़ैक्शन को रिकॉर्ड करने के लिए अगली फाइल का प्रयोग किया जाता है| 

एक ब्लॉक बनाना

Blockchain Platform में किसी एक फाइल में रिकॉर्ड होने वाले ट्रांज़ैक्शन फाइल की साइज पर निर्भर होते हैं| जब तक फाइल की स्टोरेज क्षमता समाप्त नहीं होती है तब तक इसमें रिकार्ड्स स्टोर होते रहते हैं| जब फाइल पूरी तरह भर जाती है तब अगली फाइल ऑटोमेटिकली क्रिएट हो जाती है और नए रिकार्ड्स स्टोर होने लगते हैं|

उदाहरण के लिए मान लीजिये की एक ब्लॉकचैन प्लेटफार्म पर के फाइल की साइज 1 MB नियत की गयी है| इस प्रकार जब ट्रांज़ैक्शन की रिकॉर्डिंग से जब 1 MB का स्टोरेज पूरी तरह भर जाता है तो 1 MB की एक नयी फाइल ऑटोमेटिकली बन जाती है| इस फाइल को ही ब्लॉक कहा जाता है| 

ब्लॉक वैलिडेट करना

एक नए बने हुए ब्लॉक को तब तक पिछले ब्लॉक्स के साथ लिंक नहीं किया जा सकता जब तक की नया ब्लॉक वैलिडेट न हो जाए| वेलिडेशन के इस प्रोसेस में ब्लॉक को ब्लॉकचैन नेटवर्क के सभी नोड्स तक भेज दिया जाता है|

जहाँ पर इसके Cryptographic Hash को सॉल्व किया जाता है और इसे डाटा से साथ मैच किया जाता| जब नेटवर्क के 51% या इससे अधिक नोड्स Block Data को Verify कर देते हैं तो इस ब्लॉक की कॉपी को नेटवर्क के सभी नोड्स तक वितरित कर दिया जाता है|

Verification करने में जो नोड सबसे पहले सफल होता है उसे उसकी फीस दे दी जाती है जो आमतौर पर क्रिप्टोकरेन्सी में ही होती है| वेरिफिकेशन की सी प्रक्रिया को प्रूफ ऑफ़ वर्क (Proof of Work) कहा जाता है|

ब्लॉक की हैशिंग

Block को Validate करने के बाद इसे एक Cryptographic Hashing Algorithm के द्वारा सिक्योर किया जाता है| Cryptographic Hashing एक Computer Program होता है जो की किसी दिए गए स्ट्रिंग डाटा को एक Unique Coded String में कन्वर्ट कर देता है| यदि Coded String को पढ़ेंगे तो आपको कुछ भी समझ में नहीं आएगा| 

उदाहरण: मान लीजिये एक ट्रांज़ैक्शन का रिकॉर्ड कुछ इस प्रकार है – Transaction 1 – BTC 200 To Peter 

अब अगर हम इस स्ट्रिंग को एनकोड (Encode) करेंगे तो हमें कुछ इस प्रकार की स्ट्रिंग प्राप्त होगी यहाँ हम sha256 हैशिंग का प्रयोग करेंगे जो बिटकॉइन के लिए प्रयोग की जाती है| 

351FFBF24539F8D09A7825666E13D94460B6119BA03113242512F93B1451764F

सबसे कमाल की बात ये है की स्ट्रिंग कितनी भी बड़ी या छोटी हो एनकोड करने के बाद हमें हमेशा एक ही लेंथ की एनकोडेड स्ट्रिंग मिलती है इसके अलावा एक स्ट्रिंग को चाहे कितनी भी बार एनकोड करें एक ही एनकोडेड स्ट्रिंग मिलती है|

यदि हमने मूल स्ट्रिंग में कोई भी परिवर्तन किया तो एनकोडेड स्ट्रिंग बदल जाती है| उदाहरण के लिए यदि हम उदाहरण के लिए दी गयी स्ट्रिंग में एक फुलस्टॉप (.) लगा दे तो इसकी एन्कोडिंग भी बदल जायेगी| 

Transaction 1 – BTC 200 To Peter.

DE1D316E206655628BD7A9F437CEC6C8709CAEC7BD0ECC95B38E2401832BB292

इस प्रकार से ये निश्चित होता है की Encoded String हमेशा यूनिक रहती है| 

ब्लॉक को जोड़ना

हैशिंग प्रोसेस के दौरान ब्लॉक में सबसे पहले पिछले ब्लॉक का Encoded String (Hash) स्टोर किया जाता है और इसके बाद इस नए ब्लॉक के सम्पूर्ण डाटा को फिर से एनकोड किया जाता है|

इस प्रकार नया ब्लॉक पिछले ब्लॉक के साथ जुड़ जाता है| यही क्रम आगे भी चलता रहता है और एक चैन बनती जाती है|

Blockchain के प्रकार क्या हैं? – In Hindi

ब्लॉकचैन मूल रूप से दो प्रकार के होते हैं जो हैं Permissionless और Permissioned| Permissionless ब्लॉकचैन में कोई भी ब्लॉकचैन नेटवर्क में बिना किसी अनुमति के शामिल हो सकता है|

जबकि इसके विपरीत Permissioned ब्लॉकचैन में एक यूजर को अनुमति की आवश्यकता होती है जिसे User Authentication के द्वारा कण्ट्रोल किया जाता है|

इसके अलावा Permissioned ब्लॉकचैन में अलग-अलग यूजर को अलग अलग Permission और Control दिए जा सकते हैं| अब Permission के आधार पर ब्लॉकचैन को 4 प्रमुख प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है जो इस निम्न हैं:

  1. पब्लिक ब्लॉकचैन (Public Blockchain)
  2. प्राइवेट ब्लॉकचैन (Private Blockchain)
  3. हाइब्रिड ब्लॉकचैन (Hybrid Blockchain)
  4. कॉन्सोर्टियम ब्लॉकचैन (Consortium Blockchain)

पब्लिक ब्लॉकचैन (Public Blockchain)

Public Blockchain प्रकृति में बिना अनुमति (Permission) के हैं, जो किसी को भी इसमें शामिल होने की अनुमति देते हैं, और पूरी तरह से विकेंद्रीकृत हैं। 

पब्लिक ब्लॉकचेन, ब्लॉकचैन के सभी नोड्स को ब्लॉकचैन तक पहुंचने, डेटा के नए ब्लॉक बनाने और डेटा के ब्लॉक को मान्य करने के लिए समान अधिकार रखने की अनुमति देता है।

आज तक, Public Blockchain का उपयोग मुख्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी के एक्सचेंज और क्रिप्टो माइनिंग के लिए किया जाता है। आपने बिटकॉइन, एथेरियम और लिटकोइन जैसे लोकप्रिय पब्लिक ब्लॉकचेन के बारे में सुना होगा।

इन Public Blockchain पर, नोड्स Cryptographic Equation को हल करके नेटवर्क पर अनुरोध किए गए ट्रांज़ैक्शन के लिए ब्लॉक बनाने के लिए लगातार प्रोसेसिंग करते रहते हैं। 

इन नोड्स को माइनर कहा जाता है| इस कड़ी मेहनत के बदले में, माइनर नोड्स क्रिप्टोकरेंसी की एक छोटी राशि अर्जित करते हैं।

प्राइवेट ब्लॉकचैन (Private Blockchain)

Private Blockchain, जिन्हें Managed Blockchain भी कहा जाता है, एक एकल संगठन द्वारा नियंत्रित Permissioned Blockchain है। 

एक Private Blockchain में, Central Authority यह निर्धारित करता है कि नेटवर्क में कौन सा नोड एक Blockchain Node की तरह कार्य कर सकता है।

सेंट्रल अथॉरिटी भी आवश्यक रूप से प्रत्येक नोड को कार्य करने के लिए समान अधिकार प्रदान नहीं करता है। प्राइवेट ब्लॉकचेन केवल आंशिक रूप से विकेंद्रीकृत (Decentralized) हैं क्योंकि इन ब्लॉकचेन तक पब्लिक एक्सेस प्रतिबंधित है। 

प्राइवेट ब्लॉकचेन के कुछ उदाहरण B2B Virtual Currency Exchange Network रिपल (Ripple) और Hyperledger  हैं, जो Open-Source Blockchain Application है।

Private और Public दोनों ब्लॉकचेन में कमियां हैं – Public Blockchain में Private Blockchain की तुलना में नए डेटा के वेलिडेशन लिए अधिक समय का अंतराल होता है, और प्राइवेट ब्लॉकचेन धोखाधड़ी और हैकिंग  के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं। इन कमियों को दूर करने के लिए, Consortium और Hybrid Blockchain विकसित किए गए।

हाइब्रिड ब्लॉकचैन (Hybrid Blockchain)

Hybrid Blockchain ऐसे ब्लॉकचेन हैं जो एक संगठन द्वारा नियंत्रित होते हैं, लेकिन इसमें एक Public Blockchain की भी सहभागिता होती है जिनके द्वारा Blockchain Network पर Transaction का Verification किया जाता है। 

Hybrid Blockchain का एक उदाहरण IBM Food Trust है, जिसे संपूर्ण फ़ूड सप्लाई चैन की दक्षता में सुधार के लिए विकसित किया गया था| 

कॉन्सोर्टियम ब्लॉकचैन (Consortium Blockchain)

Private Blockchain के मामले में, Consortium Blockchain एक एकल संगठन के बजाय संगठनों के एक समूह को सम्पूर्ण ब्लॉकचैन नेटवर्क नियंत्रण की अनुमति देता है।

इसलिए, Consortium Blockchain, प्राइवेट ब्लॉकचेन की तुलना में अधिक Decentralization प्रदान करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सिक्योरिटी का लेवल बढ़ जाता है।

एंटरप्राइज़ सॉफ़्टवेयर फर्म R3 द्वारा वित्तीय सेवा उद्योग और उससे आगे के लिए कंसोर्टियम ब्लॉकचैन समाधानों का एक लोकप्रिय सेट विकसित किया गया है।

सप्लाई चैन के क्षेत्र में, कार्गोस्मार्ट (CargoSmart)  ने ग्लोबल शिपिंग बिजनेस नेटवर्क कंसोर्टियम विकसित किया है, जो एक गैर-लाभकारी ब्लॉकचैन कंसोर्टियम है जिसका उद्देश्य शिपिंग उद्योग को डिजिटल बनाना और मेरीटाइम इंडस्ट्री ऑपरेटरों को अधिक सहयोगात्मक रूप से काम करने की अनुमति देना है।

Cryptocurrency और Blockchain में क्या अंतर है? – IN HINDI

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) डाटा को एक Decentralized System में मैनेज करने का सिस्टम है| जिसमे डाटा की सिक्योरिटी Cryptographic Hashing और ब्लॉक्स के विस्तार के द्वारा तय की जाती है, जैसे जैसे ब्लॉक्स की चैन बढ़ती जाती वैसे वैसे इसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन करना कठिन होता जाता है| 

Blockchain Platform को अलग-अलग नियमों, प्रोटोकॉल्स, और परमिशन के साथ बनाया जाता है और जैसे की हमने पहले जाना की ब्लॉकचैन पब्लिक या प्राइवेट हो सकते हैं और Private Blockchain में हम नोड लेवल तक परमिशन की व्यवस्था कर सकते हैं| इसके विपरीत पब्लिक ब्लॉकचैन में नोड लेवल पर किसी परमिशन की आवश्यकता नहीं होती है| 

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित कई प्रकार के एप्लीकेशन बनाये जा सकते हैं जिसमे ब्लॉकचैन की अन्तर्निहित सिक्योरिटी का प्रयोग करते हुए एक सुरक्षित विकेन्द्रीकृत व्यवस्था बनायी जा सकती है|

क्रिप्टोकरेन्सी एक Blockchain Based Application है, जो एक वैकल्पिक Virtual Currency की तरह काम करती है, और जिसका उपयोग सामान्य लेन – देन में किया जा सकता है जहाँ यह मान्य हो| 

क्रिप्टोकरेन्सी में ब्लॉकचैन का उपयोग Cryptocurrency Transaction को Record और Store करने के लिए किया जाता है| क्रिप्टोकरेन्सी जैसे बिटकॉइन में जब कोई ट्रांज़ैक्शन होता है तो इस Transaction Data को एक Block में Record कर लिया जाता है और फिर इस ब्लॉक को ब्लॉकचैन में जोड़ दिया जाता है|

इस प्रक्रिया में पहले Transaction Blocks को सभी Nodes तक भेज दिया जाता है और जब इस ब्लॉक को 51% या अधिक Nodes द्वारा Verify कर लिया जाता है तब इस ब्लॉक को ब्लॉकचैन में जोड़ दिया जाता है और सभी नोड्स तक अपडेट कर दिया जाता है|

ज्यादातर क्रिप्टोकरेन्सी Public Blockchain पर आधारित है लेकिन कुछ जैसे मोनेरो (Monero), डैश (Dash) , ज़ीकैश (ZCash) आदि Private Blockchain Based Cryptocurrency हैं| 

Blockchain और Treditional Bank में क्या अंतर है?

ब्लॉकचैन एक Decentralized System है जबकि बैंक एक Centralized System है| किसी बैंक में कार्य के प्रतिदिन सीमित घंटे होते हैं और इसके अलावा वीकेंड्स में बैंक आधे समय तक ही खुलते हैं और बैंक हॉलीडेज में बैंक पूरी तरह बंद रहते हैं|

जबकि ब्लॉकचैन आधारित क्रिप्टोकरेन्सी 24×7 ओपन रहती है| बैंक में अलग-अलग प्रकार के ट्रांसक्शन के लिए एक निश्चित फीस होती है जबकि क्रिप्टोकरेन्सी में ट्रांज़ैक्शन की फीस निश्चित नहीं होती है यह फीस माइनर्स और यूजर तय करते हैं|

बैंक में अकाउंट खोलने या किसी अन्य प्रकार के प्रोडक्ट्स के लिए आपको KYC प्रोसेस कराना पड़ता है| जबकि क्रिप्टोकरेन्सी के लिए किसी KYC की आवश्यकता नहीं होती है और कोई भी यूजर यहाँ तक की AI आधारित कोई रोबोट भी क्रिप्टोकरेन्सी ट्रांज़ैक्शन में हिस्सा ले सकता है|

बैंक एक केंद्रीय व्यवस्था है और जब तक इसके सर्वर सिक्योर हैं या जब तक प्रयोक्ता अपने Personal Banking Data को Secure रखते हैं तब तक ही आपके पैसे सुरक्षित हैं|

Bitcoin या अन्य Blockchain Based Applications में ब्लॉक्स तक सभी की पहुँच रहती है लेकिन कोई भी यह नहीं जान सकता है की किसी ब्लॉक या क्रिप्टोकरेन्सी का स्वामित्व किसके पास है|

बैंक कई कारणों से लेनदेन को अस्वीकार करने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं। बैंक खातों को फ्रीज करने का अधिकार भी सुरक्षित रखते हैं।

यदि आपका बैंक असामान्य स्थानों या असामान्य वस्तुओं के लिए खरीदारी को नोटिस करता है तो उन्हें अस्वीकार किया जा सकता है।

बिटकॉइन नेटवर्क स्वयं यह निर्धारित नहीं करता है कि बिटकॉइन का उपयोग किसी भी आकार या रूप में कैसे किया जाता है। बिटकॉइन का उपयोग करने और इसके द्वारा किसी प्रकार की खरीदारी करने के लिए यूजर स्वयं जिम्मेदार होते हैं, लेकिन उन्हें अपने देश या क्षेत्र के दिशानिर्देशों का भी पालन करना चाहिए।

KYC नियमों के कारण, सरकारें लोगों के Bank Accounts को आसानी से Track कर सकती हैं और कई कारणों से उनके भीतर की संपत्ति को जब्त कर सकती हैं। यदि बिटकॉइन का उपयोग गुमनाम रूप से किया जाता है तो सरकारों को इसे जब्त करने के लिए इसे ट्रैक करना बहुत कठिन होगा।

Blockchain Technology के उपयोग क्या हैं? – In Hindi

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को सबसे पहले क्रिप्टोकरेन्सी बिटकॉइन बनाने के लिए प्रयोग किया गया जो आज के समय में सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेन्सी है जिसे ज्यादातर देशों ने मान्यता दी हुयी है| बिटकॉइन की सफलता देखता हुए अन्य कई क्रिप्टोकरेन्सी भी बनायी गयी|

लेकिन ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का केवल इतना ही उपयोग नहीं है बल्कि ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को हर उस जगह प्रयोग किया जा सकता है जहाँ एक Secure Decentralized System की आवश्यकता है|

ब्लॉकचैन को Money Transfer, Banking, Finance, Public Voting, Medical, E-Commerce और Supply Chain Management जैसे अनेक क्षेत्रों में किया जा सकता है|

समय के साथ-साथ ब्लॉकचैन और भी नए प्रयोग सामने आएंगे यहाँ तक ब्लॉकचैन में इतनी क्षमता है की इसका उपयोग करके एक नए प्रकार का Secure Internet भी बनाया जा सकता है जहाँ आपका डाटा पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा| ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं|

मनी ट्रांसफर (Money Transfer)

 ब्लॉकचैन का उपयोग करके Money Transfer मौजूदा Money Transfer Services की तुलना में कम खर्चीला और तेज हो सकता है। यह Cross – Border Transaction के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जो अक्सर धीमे और महंगे होते हैं। 

यहां तक ​​कि आधुनिक वित्तीय प्रणाली में, एकाउंट्स के बीच मनी ट्रांसफर में कुछ दिन लग सकते हैं, जबकि ब्लॉकचेन ट्रांज़ैक्शन में कुछ मिनट ही लगते हैं| 

फाइनेंसियल एक्सचेंज (Financial Exchange)

पिछले कुछ वर्षों में कई कंपनियां Decentralized Cryptocurrency Exchange की पेशकश कर रही हैं। एक्सचेंजों के लिए ब्लॉकचेन का उपयोग तेज और कम खर्चीले ट्रांज़ैक्शन की अनुमति देता है। 

इसके अलावा, एक Decentralized Exchange के लिए निवेशकों को अपनी संपत्ति को Centralized Authority के पास जमा करने की आवश्यकता नहीं होती है, जिसका अर्थ है कि वे अधिक नियंत्रण और सुरक्षा बनाए रखते हैं। 

जबकि Blockchain Based Exchange मुख्य रूप से क्रिप्टोकरेन्सी में सौदा करते हैं, इस अवधारणा को अधिक पारंपरिक निवेशों पर भी लागू किया जा सकता है।

रियल एस्टेट (Real Estate) 

अचल संपत्ति लेनदेन के लिए वित्तीय जानकारी और स्वामित्व को सत्यापित करने और फिर नए मालिकों को कार्यों और शीर्षकों को स्थानांतरित करने के लिए बहुत सारी कागजी कार्रवाई की आवश्यकता होती है। अचल संपत्ति लेनदेन को रिकॉर्ड करने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग स्वामित्व को सत्यापित करने और स्थानांतरित करने का एक अधिक सुरक्षित और सुलभ साधन प्रदान कर सकता है। इससे लेन-देन में तेजी आ सकती है, कागजी कार्रवाई कम हो सकती है और पैसे की बचत हो सकती है।

पर्सनल इनफार्मेशन सिक्योरिटी (Personal Information Security) 

अपने आधार नंबर, जन्म तिथि, और अन्य पर्सनल डाटा को एक ब्लॉकचैन सिस्टम में रखना वास्तव में हैक के लिए अतिसंवेदनशील मौजूदा सिस्टम की तुलना में अधिक सुरक्षित हो सकता है। ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का उपयोग यात्रा, स्वास्थ्य देखभाल, वित्त और शिक्षा जैसे उद्योगों में इसकी आवश्यकता वाले लोगों के लिए पहुंच में सुधार करते हुए पर्सनल डाटा का वेरिफिकेशन करने के लिए सुरक्षित पहुंच के लिए किया जा सकता है।

पब्लिक वोटिंग सिस्टम (Public Voting System) 

यदि पर्सनल डाटा किसी ब्लॉकचैन पर रखा जाता है, तो यह हमें ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके वोट करने में भी सक्षम बना सकता है। 

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग यह सुनिश्चित कर सकता है कि कोई भी दो बार मतदान न करे, केवल पात्र मतदाता ही मतदान करने में सक्षम हों, और वोटों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। 

आप केवल अपने मोबाइल पर कुछ बटन दबाकर ही मतदान संपन्न कर सकते हैं| यह एक बहुत ही कारगर और आसान सुविधा हो सकती है और इससे सरकार बहुत बड़े मतदाता वर्ग तक पहुँच सकती है| इसके साथ ही इससे चुनाव कराने की लागत में भी बहुत कमी आएगी|

मेडिकल रिकॉर्ड्स को सुरक्षित और साझा करें (Secure and Share Medical Records)

ब्लॉकचेन पर मेडिकल रिकॉर्ड रखने से डॉक्टर और चिकित्सा पेशेवर अपने रोगियों के बारे में सटीक और अप-टू-डेट जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

यह सुनिश्चित कर सकता है कि कई डॉक्टरों को देखने वाले रोगियों को सर्वोत्तम संभव देखभाल मिल सके। यह कुछ मामलों में अधिक समय पर उपचार की अनुमति देते हुए, मेडिकल रिकॉर्ड प्राप्त करने के लिए सिस्टम को तेज कर सकता है। 

और, यदि बीमा की जानकारी डेटाबेस में होती है, तो डॉक्टर आसानी से सत्यापित कर सकते हैं कि क्या रोगी का बीमा किया गया है और उनका उपचार कवर किया गया है।

Blockchain Technology के फायदे और नुक्सान? – In Hindi

जैसा की हमने अभी तक जाना की ब्लॉकचैन का उपयोग केवल क्रिप्टोकरेन्सी में ही नहीं बल्कि अन्य कई क्षेत्रों में किया जा सकता है लेकिन ब्लॉकचैन के साथ मिलने वाली सभी सुविधाओं के साथ- साथ इसके कुछ नुक्सान भी हैं|

फायदे (Pros)

नुक़सान (Cons)

वेरिफिकेशन में बिना मानवीय भागीदारी के बेहतर सटीकता

माइनिंग में लगने वाला टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट 

थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन की समाप्ति के द्वारा लागत में कमी 

प्रति सेकंड कम ट्रांज़ैक्शन

विकेन्द्रीकृत व्यवस्था के कारण अधिक सुरक्षा 

डार्क वेब जैसी अवैध गतिविधियों में उपयोग का इतिहास

सिक्योर, प्राइवेट, और तेज ट्रांज़ैक्शन 

अलग – अलग क्षेत्रों या देशों में ब्लॉकचैन के लिए अलग-अलग नियम होना

एक पूरी तरह पारदर्शी व्यवस्था 

सीमित डाटा स्टोरेज 

अस्थिर या अविकसित सरकारों वाले देशों के नागरिकों के लिए एक बैंकिंग विकल्प और व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित करने का तरीका प्रदान करता है

क्या Blockchain को Hack किया जा सकता है? – In HINDI

अभी तक तो आप समझ ही गए होंगे की ब्लॉकचैन में किसी भी प्रकार का Unauthorized Change करना या इसे Hack करना लगभग असंभव है|

क्योकि यदि एक Block में कोई Change किया जाता है तो इस ब्लॉक की Encoded Value बदल जाती है और इसी कारण इसकी Linking इसके अगले Block से टूट जाती है और यह एक Invalid Block बन जाता है|

जब तक की इस बदलाव को 51% Nodes में अपडेट नहीं कर दिया जाता तब तक यह Invalid ही बना रहता है और ज़ाहिर है की बिटकॉइन जैसे बड़े ब्लॉकचैन में ऐसा करना असंभव है|

यदि किसी नए ब्लॉक को भी Unauthorized Transaction Data के साथ Blockchain में जोड़ने का प्रयास किया जाय तब भी 51% या इससे ज्यादा Nodes में नए Block को अपडेट करना होता है|

इस प्रकार किसी Blockchain को तभी हैक किया जा सकता जब सभी Nodes को एक साथ Hack किया जाए यदि एक Node भी हैक होने से बच जाता है तो पूरा का पूरा ब्लॉकचैन उस एक नोड से ही Recover किया जा सकता है| संकल्पना के रूप में ब्लॉकचैन को हैक करना असम्भव नहीं है लेकिन व्यवहारिकता में ये असंभव है|

मेरे विचार

दोस्तों, Blockchain Technology के द्वारा भविष्य में अन्य कई प्रकार के प्रयोग सामने आएंगे और न केवल क्रिप्टोकरेन्सी बल्कि हर क्षेत्र जहाँ डाटा के Secure Transaction की आवश्यकता होगी वहां ब्लॉकचैन का उपयोग किया जा सकता है|

यह एक Fast, Secure और Transparent व्यवस्था बनता है और इसके साथ ही बिना किसी चिंता के अधिकाधिक लोगो के लिए इसे समावेशी बनाता है|

यहाँ तक की छोटे और विकाशील देश ब्लॉकचैन आधारित क्रिप्टोकरेन्सी का उपयोग एक बिना बैंक की विनिमय सुविधा की तरह प्रयोग कर सकते हैं|

दोस्तों मुझे आशा है की ब्लॉकचैन पर आधारित इस पोस्ट से आप सभी का ज्ञानवर्धन हुआ होगा| यदि आपके मन में कोई प्रश्न है या यदि आप इस पोस्ट पर अपने विचार साझा करना चाहते हैं तो कृपया कमेंट के माध्यम से हमें अपने प्रश्न या विचार बताएं| हम यथासम्भव आपके प्रश्नो का उत्तर देने का प्रयास करेंगे|

इन्ही शब्दों के साथ विदा लेता हूँ|
धन्यवाद!

अभिषेक

1 thought on “Blockchain Technology क्या है? – In Hindi”

  1. मैने आपका आर्टिकल पढ़ा और मुझे यह काफ़ी अच्छा लगा? आपने इस ऑर्टिकल में पूरी जानकारी दी हैं, जिसे पढ़कर मैंने भीं अपनी साइट पर एक ऑर्टिकल लिखा। क्या आप मेरा आर्टिकल को देख कर बता सकते हैं, की मैने ऑर्टिकल लिखने में क्या गलतियां की हैं। आप से निवेदन हैं, कृपया मेरे मदद करे।

    blockchain technology kya hai?

आपकी प्रतिक्रिया भेजें

Your email address will not be published. Required fields are marked *